संज्ञा
संज्ञा की परिभाषा भेद, उदाहरण संज्ञा की परिभाषा : संज्ञा का शाब्दिक अर्थ होता है – नाम। किसी व्यक्ति , गुण, प्राणी, व् जाति, स्थान , वस्तु, क्रिया और भाव आदि के नाम को संज्ञा कहते हैं। संज्ञा के उदाहरण किशन परीक्षा में प्रथम आया था। इसलिए वह दौड़ता हुआ स्कूल से घर पहुंचा, इस बात से उसे बहुत ख़ुशी हुई। उसने यह बात अपने माता- पिता को बताई। यह समाचार सुन वह इतने आनंदित हुए कि उन्होंने उसे गले लगा लिया। यहाँ पर ख़ुशी (भाव ), रमेश , माता-पिता (व्यक्ति ), स्कूल,घर (स्थान ), आदि संज्ञा आई हैं। संज्ञा के भेद (Sangya Ke Bhed) :- 1. व्यक्तिवाचक संज्ञा 2. जातिवाचक संज्ञा 3. भाववाचक संज्ञा 1. व्यक्तिवाचक संज्ञा क्या होती है:- जिस शब्द से किसी एक विशेष व्यक्ति , वस्तु, या स्थान आदि का बोध हो उसे व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं। अथार्त जिस संज्ञा शब्द से किसी विशेष स्थान, वस्तु,या व्यक्ति के नाम का पता चले वहाँ पर व्यक्तिवाचक संज्ञा होती है। उदहारण:- राम, सीता,बजाज पंखा,जोधपुर,जयपुर 2. जातिवाचक संज्ञा क्या होती है :- जिस शब्द से एक ही जाति के अनेक प्राणियों , वस्तुओं का बोध हो उसे जा